Saturday 02-08-2025

आयोग के आदेश की अवहेलना गंभीर विषय है : डॉ उमाशंकर पचौरी राज्य सूचना आयुक्त

Posted By Vinod Kewat
  • Updated Sunday Jan 19 2025
  • / 471 Read

आयोग के आदेश की अवहेलना गंभीर विषय है : डॉ उमाशंकर पचौरी राज्य सूचना आयुक्त

आयोग के आदेश पालन नहीं करने पर सूचना आयुक्त ने जारी किया तत्कालीन एसडीएम को कारण बताओ नोटिस


आयोग के आदेश के डेढ़ साल बाद भी नहीं दी गई जानकारी, वर्षों करना पड़ रहा इंतजार

नर्मदापुरम। जिले के शासकीय कार्यालयों से आर.टी.आई. में जानकारी लेने के लिए वर्षों लग सकते है। आवेदकों को 30 दिन में उपलब्ध कराई जाने वाली जानकारी विभागों द्वारा वर्षों तक उपलब्ध नहीं कराई जा रही है, ताकि उनके विभाग के काले कारनामे उजागर न हो जाएं। नगर पालिका, राजस्व विभाग और शिक्षा विभाग में पदस्थ लोक सूचना अधिकारी वरिष्ठ अधिकारियों के जारी आदेशों के बाद भी जानकारी नहीं देते है और ना ही आयोग के आदेश के बाद जानकारी उपलब्ध कराते है। ऐसा ही एक मामला है एसडीएम कार्यालय नर्मदापुरम का है।

मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग द्वारा दिनांक 24.08.2023 को एक माह में निशुल्क जानकारी देने के आदेश लोक सूचना अधिकारी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व नर्मदापुरम को दिए गए थे। लेकिन तत्कालीन एसडीएम आशीष पाण्डेय ने आयोग के पारित आदेश को नजरअंदाज कर जानकारी उपलब्ध नहीं कराई। शिकायतकर्ता विनोद केवट की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए  मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग के नर्मदापुरम संभाग आयुक्त डॉ उमाशंकर पचौरी ने तत्कालीन एसडीएम आशीष पाण्डेय को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। आशीष पाण्डेय इस समय मुख्यमंत्री  कार्यालय के ओ.एस.डी. है। म.प्र. राज्य सूचना आयुक्त श्री पचौरी ने 30 जनवरी 2025 को तत्कालीन एसडीएम आशीष पाण्डेय को अपना पक्ष रखने के लिए मौका दिया है।

यह है मामला

आवेदक विनोद केवट के द्वारा दिनांक 08.06.2022 को लोक सूचना अधिकारी एवं एसडीएम नर्मदापुरम कार्यालय से आर.टी.आई. में जानकारी चाही गई थी। आवेदक द्वारा चाही गई जानकारी में खनिज विभाग द्वारा एसडीएम नर्मदापुरम को लिखे गए पत्र क्रमांक 1106/खनिज/2021-2022 होशंगाबाद दिनांक 15.12.2021 पर की गई कार्यवाही से संबंधित जानकारी चाही गई थी।  एसडीएम कार्यालय से आर.टी.आई. के अंतर्गत 30 दिन की समय सीमा में जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जिसके बाद प्रथम अपील कलेक्टर नर्मदापुरम को पेश की गई। प्रथम अपील की सुनवाई पर लोक सूचना अधिकारी उपस्थिति नहीं हुए और ना ही अपना जबाव पेश किया। जिस पर प्रथम अपीलीय अधिकारी एवं अपर कलेक्टर नर्मदापुरम ने दिनांक 05.08.2022 को आदेश जारी कर 7 दिन में जानकारी उपलब्ध कराने के आदेश दिए। लेकिन एसडीएम ने प्रथम अपील के पारित आदेश के बाद भी जानकारी नहीं दी। जिसके बाद आवेदक ने राज्य सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया और द्वितीय अपील मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग के समक्ष पेश की। द्वितीय अपील की सुनवाई पर भी लोक सूचना अधिकारी व एसडीएम ना तो उपस्थित हुए और ना ही उन्होंने अपना जबाव पेश किया। श्री ए. के. शुक्ला तत्कालीन मुख्य सूचना आयुक्त मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग ने प्रकरण पर सुनवाई करते हुए दिनांक 24.08.2023 को एसडीएम को एक माह में जानकारी उपलब्ध कराने के आदेश दिए। लेकिन इस बार भी एसडीएम ने आयोग के पारित आदेश को नजर अंदाज कर जानकारी उपलब्ध नहीं कराई। लोक सूचना अधिकारी द्वारा आयोग के पारित आदेश की अवहेलना करने और जानकारी उपलब्ध नहीं कराने पर आवेदक ने आयोग के समक्ष अधिनियम की धारा 18 के अंतर्गत मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग को शिकायत प्रेषित की गई। शिकायत पर कार्यवाही करते हुए डॉ उमाशंकर पचौरी ने 18 दिसंबर 2024 को 5 दिन में निशुल्क डाक से जानकारी प्रेषित करने के आदेश दिए गए साथ ही 25 हजार रूपए की जुर्माने एवं अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया और लोक सूचना अधिकारी एसडीएम नर्मदापुरम को 02 जनवरी 2025 को अपना पक्ष रखने के लिए मौका दिया गया। लोक सूचना अधिकारी द्वारा आदेश को दोबारा नजर अंदाज किया और जानकारी उपलब्ध नहीं कराई और ना ही आयोग के समक्ष अपना जबाव दिया और ना ही उपस्थित हुए। जिस पर आयोग ने अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए श्रीमती नीता कोरी लोक सूचना अधिकारी नर्मदापुरम को आदेशित किया कि वह 5 दिन में पंजीकृत डाक से निशुल्क जानकारी प्रदान करते हुए 30 जनवरी को अपना पालन प्रतिवेदन भेजे साथ ही आशीष पाण्डेय तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी एसडीएम नर्मदापुरम को अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए मौका दिया है। आयुक्त मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग द्वारा लोक सूचना अधिकारी को तीन बार आदेशित किए जाने के बाद भी जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई। आरटीआई के अंतर्गत 30 दिन में उपलब्ध कराई जाने वाली जानकारी के लिए एसडीएम नर्मदापुरम द्वारा 2 साल 7 माह तक उपलब्ध नहीं कराना अधिनियम और आयोग के आदेश का उल्लंघन  दर्शाता है।

नोटिस में यह लिखा है

डॉ पचौरी आयुक्त के द्वारा दिनांक 18.12.2024 को जारी कारण बताओ नोटिस में लिखा है कि लोक सूचना अधिकारी के पास पर्याप्त समय था वे जानकारी अपीलार्थी को उपलब्ध करा देते। लोक सूचना अधिकारी द्वारा जानबूझकर आयोग के आदेश की अवहेलना की है इससे लोक सूचना अधिकारी की जानबूझकर जानकारी छुपाने एवं आरटीआई आवेदक को जानकारी से दूर रखने की नीयत परिलक्षित होती है। आयोग के आदेश की अवहेलना गंभीर विषय है। ऐसी अवहेलना से सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत स्थापित व्यवस्था को विपरीत तौर पर प्रभावित करती है। जिस पर आयोग अपनी अप्रसन्नता व्यक्त करता है।





Share News

NewsFlash NewsFlash NewsFlash NewsFlash NewsFlash NewsFlash

खबर पर प्रतिक्रिया /कमेन्ट करने के लिए लॉगइन करे Login Page

नए यूजर जुडने के लिए डिटेल्स सबमिट करे New User's Submit Details

Our Facebook Page